Wednesday 1 October 2014

Text of Prime Minister's speech at the Luncheon hosted by US Vice President Joe Biden and US Secretary of State John Kerry in his honour

Courtesy: Photo Division
दोनों के बीच किस प्रकार का विश्‍वास है, leadership के बीच में किस प्रकार की chemistry है, वही तो आख़िरकर लंबे अरसे तक काम देती है। सिर्फ Mars में ही, भारत और अमेरिका का मिलन हुआ है, ऐसा नहीं है, अब धरती पर भी उतना ही निकट का मिलन संभव हो चुका है।

कुछ कठिनाइयां जरूर है। आप 120 वोल्ट की सिस्‍टम वाले हैं, मैं 220 वोल्‍ट वाला हूं। 120 और 220 के बीच में ऊर्जा का जो अंतर है, उसका मेल करना है, उस यात्रा में हम सफल होंगे। और इसलिए - 120 वोल्ट और 220 वोल्‍ट - दोनों एक साथ काम करने के सामर्थ्‍य के साथ आज आपके बीच में खड़े हैं। 

मैं इन दोनों महानुभावों के विषय में एक बात कहता हूं। आमतौर पर राजनीतिक जीवन में सरल रास्‍ते पर चलना सब पसंद करते हैं। सरल रास्‍ते पर पहुंचने की कोशिश भी करते हैं। लेकिन बहुत कम लोग होते हैं, जो सामने चल करके संकटों को मोल लेते हैं। ये दोनों नेताओं की विशेषता रही है कि जहां-जहां जब भी कोई संकट हुआ, तो राजनीतिक हिसाब-किताब से परे रह के उससे जुड़ना, उससे जूझना और समस्‍या का समाधान करने के लिए जी तोड़ मेहनत करना इन दोनों नेताओं का स्‍वभाव है। ये राजनीति में बहुत ही Rarely देखा जाता है, क्‍योंकि मक्‍खन पे लकीर बनाना बड़ा आसान होता है, लेकिन पत्‍थर पर लकीर बनाने के लिए बड़ा साहस चाहिए। और ये, ये दोनों नेता उस मिजाज के है। 

आज मैं ये विश्‍वास से कहता हूं, भारत बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की युवा शक्ति, भारत का talent, भारत का Innovative Nature, भारत की Ancient civilisation - ये सारी बातें आज विश्‍व के मंच पर एक आशा को जन्‍म देने वाली बनी है। विश्‍व की जो आशाएं हैं, उन आशाओं को पूर्ण करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है, भारत कटिबद्ध है, और मैं विश्‍व समुदाय को और खास करके अमेरिका को विश्‍वास दिलाता हूं कि विश्‍व जिन आशाओं और आकांक्षाओं के साथ भारत की तरफ देख रहा है, भारत उसके लिए सज्‍य हो चुका है। भारत कदम बढ़ाने के लिए तैयार हो चुका है। और अमेरिका के साथ मिलकर के हम उन रास्‍तों को चुनना पसंद करेंगे, जो मानव जाति के कल्‍याण के लिए काम आए। विश्‍व कल्‍याण के काम आए। लोकतंत्र को मजबूत करे। संकटों से जूझ रहा विश्‍व का छोटा से छोटा देश क्‍यों न हो, विश्‍व का पिछड़ा से पिछड़ा मानव समाज क्‍यों न हो - उनके संकटों को दूर करने में हमारी भी शक्ति‍यां काम आएंगी। ऐसा मुझे विश्‍वास है। 

बहुत ही सफल यात्रा के बाद, आज इस महत्‍वपूर्ण समारोह में, मुझे आप लोगों से मिलने का अवसर मिला है। मैं President Obama का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं, आभार व्‍यक्‍त करता हूं। उन्‍होंने काफी वक्त निकाला। हम लंबे अरसे तक कल और आज साथ रहे। और आज तो वो मेरे साथ सैर करने के लिए भी निकल पड़े थे। इतनी सहजता के साथ इन हमारे संबंधों ने एक नया आयाम लिया है। मैं इसके लिए मैं President Obama का भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। 

इस भोज सम्‍मान के लिए मैं उपराष्‍ट्रपति जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं। विदेश मंत्री जी का भी अभिनंदन करता हूं। और आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

धन्‍यवाद।

Courtesy: pib.nic.in

No comments:

Extension of Emergency Credit Line Guarantee Scheme through ECLGS 2.0 for the 26 sectors identified by the Kamath Committee and the healthcare sector

Extension of the duration of Emergency Credit Line Guarantee Scheme (ECLGS) 1.0 The Government has extended Emergency Credit Line Guarantee ...